एक दर्द भरी दास्तान
यह कहानी है सन् २०१८ की जब मैं मुंबई गई थी अपनी मां के साथ अपने कुछ सपने पूरे करने। मैंने एक हादसा देखा जिसपर मेरा विश्वास उठ गया था कि आज भी इंसान का दुश्मन इंसान बन बैठा है। मैं अंधेरी ईस्ट के रेप्स मॉडलिंग स्टूडियो से लौट ही रही थी कि एक जहग बहुत सारे बच्चे बैठे हुए थे उसके बाजू मै एक रेस्टोरेंट है जहा पर में और मेरी मां गए थे खाना खाने। तो मेरी मां ने उन बच्चो के लिए ७ प्लेट इडली को पैक कर वा लिया। जब उन बच्चो को दिया तो उन्होंने लेने से इंकार कर दिया , उन बच्चों से बहुत पूछा की क्यों नहीं खाओगे, वो कुछ नहीं बोले। तो हमे लगा कि शायद उनके माता पिता ने मना किया होगा मगर बात कुछ और थी। जब रेस्टोरेंट के गार्ड भईया से पूछा तब पता चला कि पिछली रात ही उनके मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया। उसका मालिक कोई अच्छा इंसान नहीं था उसने इन छोटे बच्चों से भीख मंगवाता था और उन बच्चो से उनके माता पिता के बारे मै पूछा गया तो पता चला कि उनको बचपन मै ही अपनो से दूर कर भीख मंगवाई गई है।
उन बच्चो को प्यार से खाना मेरी मां ने अपने हाथो से खिलाया और कुछ पैसे भी दिए ताकि रात को उन सातो बच्चो को भूखा ना सोना पड़े। उसी रात हमारी ट्रेन थी मुंबई से जामनगर की जिस वजह से हमें कुछ पता नहीं चल पाया था लेकिन हमने अनाथ आश्रम के वेबसाइट पर उनको मेल द्वारा पूरी घटना बताई लेकिन कोई आश्रम के तरफ से कोई ख़बर नहीं आई। दोस्तो हर चीज भगवान भरोसे नहीं होनी चाहिए, हम जब तक खुद अपना हाथ नहीं बढ़ाएंगे तो कोई और कैसे बढ़ाएगा।
WRITTEN BY- TOMAR ARUSHI
Comments