कोरोना के सकारात्मक प्रभाव एवं सीख
दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन के चलते एक ओर जहां इंसान अपने घरों में कैद है, वहीं इस दौरान दुनिया भर में प्राकृतिक एवं भौगोलिक स्तर पर कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं। कई जगहों से ऐसी भी खबरें आ रही है कि इंसानों के अपने घरों में कैद होने के बाद जंगली जानवर उन जगहों पर बेफिक्र विचरण कर रहे हैं, जो दरअसल उन्हीं की विरासत थी। यह भयावह मानवीय त्रासदी गुजरने से पहले ही हमें कुछ महत्वपूर्ण बातें सिखा गई। वैसे ही को अरोड़ा के कुछ सकारात्मक प्रभाव एवं सीख निम्नांकित है-
1.भारत में हवा की गुणवत्ता में सुधार आया है और लोगों को भारी धुंधले आसमान के बजाय नीले आसमान दिखाई दे रहे हैं।
2.ध्वनि प्रदूषण में भारी कमी आयी हैं क्योंकि वाहनों का परिचालन लगभग ठप्प हैं।
3.अभिनेता केवल मनोरंजनकर्ता हैं जीवन में वास्तविक नायक नहीं। . कोई पादरी, मौलवी, मौलाना या हाफिज और धर्मगुरु एक भी रोगी को नहीं बचा सका। वास्तविक नायक हमारे देश के सेना के जवान, डॉक्टर, सफाईकर्मी हैं।स्वास्थ्य कर्मी किसी भी फिल्म स्टार, क्रिकेटर या फुटबालर से बडे़ हीरो हैं।
4.शराब पीने की वज़ह से होने वाली घरेलू हिंसा पूरी तरह खत्म हो गई है (फिलहाल) तथा अपराध का ग्राफ नीचे गया है
5.इंसान थोड़े में संतुष्ट होना सीख रहे हैं एवं अपने परिवार के साथ समय बिता रहे.
6. यूरोपीय उतने शिक्षित नहीं जितना उन्हें समझा जाता था और हम अपनी छुट्टियां बिना यूरोप या अमेरिका गये भी बिता सकते हैं।
7. अमीरों की प्रतिरोधक क्षमता गरीबों से बहुत कम होती है।
8.बिना उपभोग के विश्व में तेल का कोई महत्व नहीं।
9.तारे वास्तव में टिमटिमाते हैं यह विश्वास महानगरों के बच्चों को पहली बार हुआ।
11. विश्व के अधिकतर लोग अपना कार्य घर से भी कर सकते हैं एवं भोजन पकाना केवल स्त्रियां ही नहीं जानती।
12.स्वास्थ्य उपकरणों पर भी उतने ही पैसे खर्च करने की जरूरत है जितने हम परमाणु बम पर करते हैं
घरबन्दी का आनन्द उठाइये, कुछ मूर्ख आपके इस आनन्द को और बढाने के लिये प्रयासरत है। इस संकट की परिस्थिति में पूरे देश को एकजुट रहना होगा तभी कोरोना जैसी महामारी से लड़ा जा सकता है
By : Prem Kumar
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